ज्योतिष और कार्यक्षेत्र

जन्मकुण्डली में तृतीय भाव से आजीविका और पराक्रम का विचार करते हैं | वहीं दसम भाव जातक के कार्यक्षेत्र और प्रभाव का संकेत बतलाता है | कुण्डली में यदि सूर्य बली हों तो औषधीय क्षेत्र या आग्नेय क्षेत्र सम्बन्धी कार्य जातक के लिए सर्वोत्तम होता है | सूर्य के साथ चन्द्रमा भी बली हो तो जातक कुशल वैद्य या चिकित्सक बनता है | सूर्य के साथ मंगल सबल होने से जातक उच्च सेना का अधिकारी हो सकता है | ………………………..

 

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